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Posted by : PooMac Photography Studio
Wednesday, September 7, 2011
ॐ शान्ति दिव्य फ़रिश्ते!!!
ॐ शांति ...... महिमा कोमेंट्री स्टार स्वमान आत्मा बिंदी अभ्यास ......
पतित पावन सर्व का सदगति दाता निराकार परमपिता परमात्मा शिवबाबा , सत चित बीजरूप आनन्दस्वरूप ज्योति स्वरूप प्रकाश स्वरूप ज्ञान स्वरूप सत्यम शिवम सुन्दरम , मेरे बाबा प्यारे बाबा मीठे बाबादयालु बाबा कृपालु बाबा, जो मेरे माता पिता बन्धु सखा स्वामी खुदा दोस्त है ... बापटीचरगुरु , सतबापसतटीचर सतगुरु सदगुरु , सुप्रीमबाप सुप्रीमटीचर सुप्रीमगुरु , परमबाप परमटीचर परमगुरु , रूहानीबापरूहानीटीचर रूहानीगुरु , बेहदबाप बेहदटीचर बेहदगुरु , जगतबाप जगतगुरु जगतटीचर , सर्व का बाप सर्वका टीचर सर्व का गुरु , सत्यत्रिमूर्ती शिवबाप सत्यत्रिमूर्ति शिवटीचर सत्यत्रिमूर्ति शिवगुरु .... जो ज्ञान कासागर , पवित्रता का सागर , सुख का सागर , शांति का सागर , प्रेम का सागर , आनन्द का सागर , सर्वशक्तियों का सागर , सर्व गुणों का सागर , सर्व सम्पत्ति का सागर और सर्वज्ञ है....
सभी आत्माओं का बाप पतित पावन ..... गोड़ फाधर निराकार ..... बाबा बैठ के समझाते है ....... बाबाएक ही बार आकार ज्ञान देते है ...... बाप आकर सब का कल्याण करते है ....... आत्मा रूपी नईया को पारलगाने वाला एक खिवैया बाप ....... श्री श्री शिवबाबा आये है श्रेष्ठ बनाने ...... भारत ही विश्व का मालिकथा ... मैं रूहानी कारोबार करने वाला सम्पूर्ण निर्विकारी रूह हूँ ...... मैं रूह बाप से पूरा और अच्छी रीती पढनेवाला पूरा पवित्र ब्रह्मा कुमार कुमारी वर्से अधिकारी हूँ .....मैं तीव्र पुरुषार्थ करने और कराने वाला उंच पदवाला हूँ .... राजाइ पद वाला हूँ ..... पुण्यआत्मा हूँ .... मैं पूरा वैष्णव हूँ ...... विष्णु पूरी का मालिक हूँ .......मैं आत्मा हूँ .......पवित्र पावन शान्त और शीतल हूँ .... शांति मेरा स्वधर्म है ........ घर मेरा शांतिधाम है..... मैं बेहद नाटक का एक्टर हूँ ..... हम आत्मायें ड्रामा प्लैन अनुसार भिन्न भिन्न शरीरी रूपी चोला बदलकर अपना पार्ट बजाते है .....मैं आत्मा हूँ ..... बाप का बच्चा हूँ .... मुझ आत्मा मिला हुआ पार्ट कभीघिसता ही नहीं है ...... चलता ही रहेता है ...... कभी बन्ध नहीं होता हो .... मन बुद्धि मुझ आत्मा केआरगन्स है ...... मैं कर्मयोगी हूँ ..... मैं भारतवासी हूँ .......८४ जन्मों वाला हूँ ...... विश्व का मालिक हूँ ....बाप को और आदि मध्य अंत को जानने वाला आस्तिक हूँ ..... बाप से १ घंटा पढने वाला पारसबुद्धि हूँ .....बाप की याद वाला देही - अभिमानी हूँ ...... मैं पवित्र आत्मा हूँ ...... पवित्र दुनिया का मालिक हूँ ..... मैंआत्मा पिता परमात्मा की श्रीमत अनुसार श्रेष्ठाचारी बनता जा रहा हूँ .... मैं आत्मा मातपिता बापदादाका याद प्यार नमस्ते स्वीकार करने वाला ईश्वरीय शान में रहेने वाला शानदार कर्म करने वाला बापदाद केनयनों का नूर हूँ .... रूह हूँ .... सब कुछ बाप के हवाले करने वाला ट्रस्टी हूँ ..... पूरा पवित्र पावन श्रेष्ठशान्त शीतल नम्र और निर्मल राजाइ पद वाला