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- Murili 8 Sept 2011
Posted by : PooMac Photography Studio
Wednesday, September 7, 2011
''मीठे बच्चे - अभी यह रावण राज्य, पुरानी दुनिया खत्म हो नई दुनिया आ रही है इसलिए श्रीमत पर चल पवित्र बनो तो श्रेष्ठ देवी देवता बनेंगे।''
प्रश: बाप अपने बच्चों को सत्य नारायण की कथा सुनाते हैं, उस कथा का रहस्य क्या है?
उत्तर: उसका रहस्य है - बादशाही लेना और गँवाना। अल्फ को अल्लाह मिला, तो गदाई छोय्ड दी। जो विश्व के मालिक थे वही 84 जन्म ले राजाईगँवा देते हैं फिर बाप उन्हें राजाई देते हैं। पतित से पावन बनना, गदाई छोड़ राजाई लेना - यही सच्ची सत्य नारायण की कथा बाप सुनाते हैं।
गीत:- आखिर वह दिन आया आज...
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) बाप के गले की माला बन विष्णु के गले में पिरोने के लिए सम्पूर्ण सतोप्रधान बनना है। एक बाप की मत पर चलना है।
2) ऐसी सेवा करनी है जो अनेक आत्माओं की आशीर्वाद मिलती रहे। त्राहि-त्राहि होने के पहले बाप से पूरा-पूरा वर्सा लेना है।
वरदान: सदा एकरस स्थिति के तख्त पर विराजमान रहने वाले बाप-दादा के दिलतख्त नशीन भव
सभी से श्रेष्ठ तख्त बापदादा के दिलतख्त नशीन बनना है। लेकिन इस तख्त पर बैठने के लिए अचल, अडोल, एकरस स्थिति का तख्त चाहिए।अगर इस स्थिति के तख्त पर स्थित नहीं हो पाते तो बापदादा के दिल रूपी तख्त पर स्थिति नहीं हो सकते। इसके लिए अपने भृकुटि के तख्त परअकाल-मूर्त बन स्थित हो जाओ, इस तख्त से बार-बार डगमग न हो तो बापदादा के दिल तख्त पर विराजमान हो सकेंगे।
स्लोगन: शुभचिंतन द्वारा नगेटिव को पॉजिटिव में परिवर्तन करो।